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एटिकेट का विकास ट्यूटोरियल
अकसर हम शिष्टाचार(एटिकेट) को महज “टेबल मैनर्स” समझने की भूल कर बैठते हैं। लेकिन यदि हम शिष्टाचार(एटिकेट) को व्यापक परिप्रेक्ष्य में देखें तो हमें यह पता चलेगा कि हम एक व्यक्ति की एटिकेट्स से उसकी अच्छाइयों व कुशलताओं के बारे में पता लगा सकते हैं। अच्छे एटिकेट्सवाला व्यक्ति दूसरों के ज़हन में न सिर्फ एक स्थायी छाप छोड़ता है बल्कि यह भी सुनिश्चित करता है कि वह अपने जीवन को अपने परिवार और कार्यस्थल के लोगों लिए अनुकरणीय बना सके। विशेषज्ञों का कहना है कि संस्कृति के विकास के साथ-साथ सामाजिक शिष्टाचार की तीन मुख्य श्रेणियाँ - स्वच्छता(हाइजीन), शालीनता(कर्टसी) और सांस्कृतिक मानदंडों में भी परिवर्तन आया है। इस ट्यूटोरियल में हम एटिकेट्स के साथ-साथ इन तीनों वर्गों के विकास पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
दर्शक
यदि आप अच्छे एटिकेट्स का अभ्यास करें और सामाजिक बैठक जैसे सभा, समारोह या सम्मेलन में उनका इस्तेमाल करें तो आप एक पेशेवर की तरह व्यवहार करेंगे और आप परिस्थिति के अनुरूप उचित प्रतिक्रिया दे पायेंगे। यह ट्यूटोरियल उन सभी पाठकों के लिए है जो शिष्टाचार और इसके विकास को विस्तार से समझना चाहते हैं। इस ट्यूटोरियल में इसके बारे में बहुत कम बताया गया है कि किस शिष्टाचार का पालन किया जाये, यहाँ इसके बारे में ज्यादा बताया गया है कि एटिकेट्स (शिष्टाचार) की शुरूआत कैसे हुई, समयानुसार इसमें क्या-क्या परिवर्तन हुए और भविष्य में इसमें और किस प्रकार के बदलाव आ सकते हैं।
पूर्वापेक्षाएँ
इस ट्यूटोरियल में आगे बढ़ने से पहले आपसे यह उम्मीद की जाती है कि आप यह जानते होंगे कि इस ट्यूटोरियल में पूरे विश्व की प्रचलित डाइनिंग, अभिवादन और अन्य गतिविधियों से संबंधित अलग-अलग एटिकेट्स के बारे में नहीं बताया गया है। प्रत्येक देश में अलग-अलग एटिकेट्स हो सकते हैं लेकिन इस ट्यूटोरियल में केवल आम शिष्टाचार के बारे में ही बताया गया है।